संगम की पावन धरती पर आयोजित होने वाला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम, महाकुंभ, आज पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर शुरू हो गया है.
घाटों पर व्यापक तैयारियां पूरी
स्नान पर्व से एक दिन पहले संगम घाट और अन्य घाटों का जायजा लिया गया. सभी घाट स्नान के लिए पूरी तरह तैयार हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नदी के बीच में विशेष ‘चेंजिंग रूम’ बनाए गए हैं. इसके साथ ही सभी नाविकों को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाइफ जैकेट दिए गए हैं. नावों के किराए की जानकारी के लिए घाटों पर बोर्ड भी लगाए गए हैं.
45 दिनों तक चलेगा महाकुंभ
महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा. इस अवधि में मुख्य स्नान पर्व निम्नलिखित हैं:
- 14 जनवरी 2025: मकर संक्रांति.
- 29 जनवरी 2025: मौनी अमावस्या.
- 3 फरवरी 2025: बसंत पंचमी.
- 26 फरवरी 2025: महाशिवरात्रि.
श्रद्धालुओं और पर्यटकों का विशाल समागम
महाकुंभ 2025 में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है. संगम तट पर आयोजित 45-दिवसीय इस आयोजन में बड़ी संख्या में पर्यटकों और सांस्कृतिक प्रेमियों के शामिल होने की संभावना है. यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है.
दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव
महाकुंभ को दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है. 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलने वाला यह महोत्सव श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव का अनोखा संगम होगा.